Friday, March 29, 2024
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रुद्रपुर में धूमधाम से मनाई गयी भगवान परशुराम की जयंती, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पूजा अर्चना कर मांगी दुआएं

रूद्रपुर। भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती रविवार को शहर के परशुराम चौक पर धूमधाम से मनाई गयी। इस अवसर पर पूजा अर्चना के साथ विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया। ब्राह्मण सभा की ओर से आयोजित परशुराम जयंती कार्यक्रम का शुभारम्भ भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश वशिष्ठ एवं सीडीओ विशाल मिश्रा ने संयुक्त रूप दीप जलाकर किया। इस दौरान पूजा अर्चना के साथ ही विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही ब्राम्हण समाज के वरिष्ठ लोगों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा ने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान परशुराम हमारे प्रेरणास्रोत हैं उनके आदर्शों से समाज को सीख लेनी चाहिए। विधायक ने विधायक निधि से परशुराम चौक का सौंदर्यीकरण कराने और चौक पर परशुराम भगवान का फरसा स्थापित कराने की घोषणा की। साथ ही मेयर रामपाल सिंह ने कहा कहा कि आवास विकास स्थित परशुराम पार्क का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही वहां पर नगर निगम की ओर से भगवान परशुराम की विशाल मूर्ति स्थापित की जायेगी।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा ने भगवान परशुराम जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परशुराम जी, भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और उन्हें शिव जी से एक फरसा वरदान के रूप में प्राप्त था। यही कारण है की उनका नाम परशुराम है। शिवजी ने उन्हें युद्ध कौशल भी सिखाया। वे ऋषि जमदग्नी व रेणुका देवी के पुत्र थे। द्यजब वे छोटे थे तभी से वे एक गहन शिक्षार्थी थे और वह सदैव अपने पिता ऋषि जमदग्नी की आज्ञा मानते थे। भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्राण कुल में हुआ था,लेकिन उनका स्वभाव और गुण क्षत्रियों जैसा था। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सात ऐसे चिंरजीवी देवता हैं, जो युगों-युगों से इस पृथ्वी पर मौजूद हैं। इन्हीं में से एक भगवान विष्णु के छठेअवतार भगवान परशुराम भी हैं। परशुराम भगवान विष्णु के आवेशावतार थे। उनका जन्म भगवान श्रीराम के जन्म से पहले हुआ था। मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन-रात्रि के प्रथम प्रहर में हुआ था।इसी लिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम जयंती मनायी जाती है।

इस बवसर पर पदम शर्मा,इंद्रेश मिश्रा, संदीप मिश्रा, राहुल तिवारी, सुनील शर्मा, अंजुल त्यागी, सुभाष शर्मा, अजय तिवारी, अतुल पांडे, मोहन तिवारी, अनुज पाठक, देव मैनन, राजबहादुर शर्मा, श्वेता मिश्रा, मुकेश शर्मा, स्नेह पाल, निखलेश शांडिल्य, मीना शर्मा, अनिल शर्मा, सीपी शर्मा, संजय उपाध्याय, श्रीनिवास शर्मा, केके त्रिपाठी, प्रमोद तिवारी आदि समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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