उत्तराखंड से मानसून की विदाई शुरू हो गई है। बीते कई दिनों से मौसम शुष्क रहने के साथ ही मानसून ने शनिवार को देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी से विदा ले ली। साथ ही ऊधमसिंह नगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून जा चुका है। हालांकि अभी पूरे प्रदेश से मानसून के विदा होने में दो दिन और लग सकते हैं। इस बीच पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य वर्षा हुई।
सितंबर में औसत वर्षा सामान्य से 17 प्रतिशत कम दर्ज की गई। सीजन में बागेश्वर और देहरादून समेत छह जिलों में अधिक वर्षा, जबकि पौड़ी व चंपावत समेत सात जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई। अगस्त में भी सामान्य से छह प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। हालांकि, जुलाई में मेघ जमकर बरसे और सामान्य से 32 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तराखंड में 23 जून को मानसून की दस्तक के बावजूद वर्षा का क्रम धीमा रहा और पूरे जून में प्रदेश में मेघ सामान्य से 14 प्रतिशत कम बरसे। इसके बाद जुलाई में शुरुआत से ही मानसून की वर्षा ने जोर पकड़ लिया। ज्यादातर क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा और कहीं-कहीं बौछार का क्रम बना रहा। जुलाई में प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य से 32 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई। इसके बाद अगस्त में शुरुआत तीन सप्ताह कई जिलों में भारी वर्षा आफत बनी रही, लेकिन अंतिम सप्ताह में मानसून कमजोर पड़ गया। सितंबर में भी मानसून की वर्षा में उतार-चढ़ाव रहा। पहले पखवाड़े में मेघ जमकर बरसे। जबकि दूसरे पखवाड़े की शुरुआत से वर्षा का क्रम धीमा पड़ गया। सितंबर के अंतिम सप्ताह में प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहा। एक जून से शुरू मानसून सीजन में 30 सितंबर तक कुल औसत वर्षा 1203 मिमी दर्ज की गई है, जो कि सामान्य वर्षा (1163 मिमी) से तीन प्रतिशत अधिक है। मानसून एक जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। हालांकि, पिछली बार मानसून अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में विदा हुआ था। उत्तराखंड से मानसून की विदाई शुरू हो गई है। देहरादून, पौड़ी और हरिद्वार से मानसून विदा हो चुका है। अगले दो दिन में समूचे प्रदेश से मानसून जाने की उम्मीद है। इन दो दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार पड़ सकती हैं।