मानसून सीजन में केदारनाथ यात्रा कर रहे यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। फिसलन और कीचड़ से भरे रास्तों से श्रद्धालु गुजरने को मजबूर हैं। इसके अलावा तीर्थ यात्री घोड़े-खच्चर वालों के व्यवहार और कार्य प्रणाली से खासे नाराज दिखे।
मानसून सीजन में केदारनाथ धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर अन्य यात्रा पड़ावों में तीर्थ यात्रियों को कोई भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जिसके कारण वे यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे हैं। मानसून सीजन शुरू होते ही केदारनाथ धाम की यात्रा में मुसीबतें भी शुरू हो जाती हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह कीचड़ होने और गदेरों के उफान पर आने से श्रद्धालुओं को भारी मुसीबतों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसा ही आलम इन दिनों केदारनाथ यात्रा मार्ग पर देखा जा रही है। गुजरात से आये यात्रियों के दल ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के सोनप्रयाग से ही मुसीबतें शुरू हो जाती हैं। घोड़ा-खच्चर वाले तीर्थयात्रियों से अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं जबकि पैदल मार्ग के कीचड़ में तब्दील होने से पैदल आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही हैं। पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के फिसलने से तीर्थयात्रियों को चोटें भी आ रही हैं। रास्ते भर में तीर्थयात्रियों को पूछने वाला कोई नहीं है. श्रद्धालुओं ने बताया एक ही रास्ते पर घोड़े-खच्चर और यात्री चल रहे हैं। दोनों के लिए रास्ते अलग-अलग होने चाहिए. यात्री दीप्ति ने बताया घोड़े-खच्चरों की लीद पैदल मार्ग पर फैली है. जिसके कारण रास्ता फिसलन भरा हो गया है। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके साथ ही शौचालय की कोई खास व्यवस्था नहीं है। एक हाॅकर दो घोड़े-खच्चर का संचालन कर रहा है। वहीं दूसरी ओर कुछ दिन पहले केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थानीय लोगों द्वारा तीर्थयात्रियों के साथ हुई मारपीट के बाद से श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल है। गुजरात के तीर्थयात्रियों ने कहा पैदल रास्ते में तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट की घटना पता चला, जिसके बाद दूसरे यात्री डरे हुए हैं। आस्था के धाम में ऐसा गलत काम नहीं किया जाना चाहिए इसके लिए पुलिस और जिला प्रशासन को कार्यवाही करने की जरूरत है।